बृजेश पाठक, Sidhi. सोन घड़ियाल अभयारण सीधी में छह साल बाद दो मादा घड़ियाल ने जोगदहा घाट में 72 घड़ियालों को जन्म दिया है। अभी और घड़ियालों के जन्म लेने की संभावना है। इनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए दो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सोन घड़ियाल अभयारण में 72 अंडों से 72 घड़ियाल जन्म लिया हैं। इनकी निगरानी के लिए समय तय कर 6 की संख्या में अमले को तैनात किया गया है। मादा घड़ियाल सोन नदी के किनारे रेत में अंडे देती हैं सुरक्षित अंडे रहे इसके लिए प्रबंधन इनके लिए रेत से स्थान को तैयार करता है।
बच्चों की सुरक्षा में जुटी रही मां
घड़ियाल को जन्म देने के बाद इनके शिकार की संभावना बनी रहती है। नर घड़ियाल, मगरमच्छ सहित अन्य जीव इनका शिकार कर सकते हैं। ऐसे में दोनों मादा घड़ियाल अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए इनके आसपास देखने को मिल रही है। बताया गया है कि दोनों ओर से यह कवच बनकर अपने बच्चों की निगरानी कर रही है। नन्हे घड़ियालों को प्राकृतिक रूप से दो हफ्ते तक भोजन की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके बाद इन्हें छोटी मछलियां दी जाती हैं।
17 दिसंबर को लाया गया था नर घड़ियाल
सोन घड़ियाल अभयारण में नर घड़ियाल नहीं होने से घड़ियालों की संख्या नहीं बढ़ रही थी। ऐसे में 17 दिसंबर को मुरैना से नर घड़ियाल लाया गया और इसकी निगरानी के लिए चिप भी लगाई गई थी। सीसीएफ वाईपी सिंह का कहना है कि, सोन घड़ियाल अभ्यारण में लंबे समय बाद रौनक लौटी है। इन नवजात घड़ियाओं को विशेष तौर पर ध्यान रखा जा रहा है।